UPSC OBC Candidate को आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए obc | IAS banne ke liye kitna rank chahiye obc

आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए obc | IAS banne ke liye kitna rank chahiye obc : दोस्तों जब बात सिविल सर्विस परीक्षा की आती है तो आपके मन में सबसे पहले जो ख्याल आता है वह आईएएस का होता है क्योंकि सिविल सर्विस परीक्षा में सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा IAS और IPS की परीक्षा होती है.

तथा IAS की नौकरी को भारत में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित नौकरी का दर्जा दिया गया है हर साल लाखों विद्यार्थी आईएएस की परीक्षा में भाग लेते हैं उनमें से कुछ उम्मीदवार obc वर्ग के होते हैं दोस्तों आपको यह तो मालूम ही होगा कि आईएएस बनने के लिए रैंक की आवश्यकता होती है.

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अब सवाल यह आता है कि कैसे जाने की आईएएस ऑफिसर बनने के लिए कितनी रैंक की आवश्यकता होती है अगर हम परीक्षा के दौरान उतनी रैंक प्राप्त नहीं करते तो क्या हम आईएएस अधिकारी नहीं बन सकते दोस्तों सिविल सर्विस एग्जाम में हर वर्ग की रैंकिंग अलग-अलग होती है और उसी रैंकिंग के आधार पर उम्मीदवारों को नौकरी दी जाती है.

दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए obc वर्ग के उम्मीदवारों को यदि आप इस विषय के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना पड़ेगा तो आइए जानते है कि आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए obc.

आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए obc ? | IAS banne ke liye Kitna rank chahiye obc ?

OBC श्रेणी में आईएएस बनने के लिए आवश्यक रैंक साल-दर-साल बदलती रहती है. हालांकि सामान्य तौर पर आईएएस में जाने के लिए obc श्रेणी के लोगों की rank सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की अपेक्षा कम होती है. जो उम्मीदवार ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं उन्हें 300 अंकों के अंदर अपना रैंक लाना होता है तभी वह आईएएस अधिकारी बन सकते है.

आईएएस बनने के लिए किस वर्ग के उम्मीदवारों को कितनी रैंक चाहिए ? | IAS banne ke liye Kis varg ke umeedwaro ko kitni rank chahiye ?

वर्ग रैंक 
GENERAL90
EWS300
SC/ST450
OBC300

ओबीसी अधिकारियों का IAS रैंक कैसे तय होता है ? | OBC adhikariyo ka IAS rank kaise Tay hota hai ?

उम्मीदवार की अंतिम रैंक उसके अंक, जाति, समुदाय और व्यक्तित्व परीक्षण एवं प्रदर्शन को मिलाकर निर्धारित की जाती है. जैसे OBC श्रेणी से संबंधित एक उम्मीदवार जो विज्ञान में 900 अंक हासिल करता है और व्यक्तित्व परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन करता है. वह उम्मीदवार IAS की परीक्षा में लगभग 100 अंक प्राप्त करता है.

सामान्य श्रेणी से संबंधित एक उम्मीदवार जो साइंस में 950 अंक प्राप्त करता है और वह व्यक्तित्व परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन करता है तो IAS की परीक्षा में उसे लगभग 50 रैंक प्राप्त होता है. उसी तरह अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंधित उम्मीदवार जो साइंस में 900 अंक प्राप्त करता है और व्यक्तित्व परीक्षण में अच्छा प्रदर्शन करता है उसे आईएएस की परीक्षा में लगभग 50 अंक प्राप्त होता है.

जब कोई उम्मीदवार UPSC प्रीलिम्स की परीक्षा को पास करके Mains का form भरता है तो उससे कुछ सवाल पूछे जाते है कि वह उम्मीदवार किस पद पर IAS, IPS, IFS पर कार्य करना चाहता है. वह उम्मीदवार जिस पद पर कार्य करना चाहता है वह उसी पद पर अपना preference देगा.

दोस्तों हमने आपको ऊपर ही बताया है कि IAS की परीक्षा में प्रीलिम्स, Mains और इंटरव्यू के अंकों के आधार पर रैंक तय होता है.

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अर्थात कोई उच्च रैंक प्राप्त करने वाला उम्मीदवार IAS के पद पर कार्य नहीं करना चाहता है. तो उस उम्मीदवार के नीचे रैंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को IAS का पद दे दिया जाता है. अर्थात OBC वर्ग के उम्मीदवार अपने द्वारा लाए गए अंकों के आधार पर IAS बन सकते हैं.

IAS की परीक्षा कैसे एवं कितने चरणों में होती है ? | IAS ki Pariksha kaise evam kitne charno me hoti hai ?

दोस्तों आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए?  इस बारे में अच्छे से जानने के लिए हमें आईएएस की परीक्षा की तकनीकी को समझना होगा तो आइए हम जानते हैं कि आईएएस की परीक्षा की तकनीकी क्या होती है.

1. UPSC prelims

यूपीएससी की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को सबसे पहले यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा देनी होती है यूपीएससी प्रीलिम्स में दो-दो घंटे के दो पेपर होते हैं इसमें पहला पेपर जनरल स्टडी का होता है इस पेपर के आधार पर उम्मीदवारों का कटऑफ तैयार होता है और उसी कटऑफ के आधार पर उम्मीदवारों को आगे की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाता है.

इसके बाद दूसरा पेपर CSAT, qualifying paper होता है इसमें उम्मीदवारों को 33% अंक लाने होते हैं तभी उन्हें आगे की परीक्षा में बैठने का मौका मिलता है.

ध्यान देने योग्य बात-

यदि उम्मीदवार ने जनरल स्टडी के पेपर को पास कर लिया और वह CSAT, qualifying paper में फेल हो गया तो UPSC प्रीलिम्स क्लियर नहीं माना जाता है उम्मीदवार को दोबारा प्रीलिम्स के एग्जाम देने होते हैं.

2. UPSC mains

UPSC की असली परीक्षा यही होती है क्योंकि इसमें उम्मीदवारों से लिखित परीक्षा ली जाती है यूपीएससी मेंस में कुल 9 पेपर होते हैं जिसमें से पहले दो पेपर eng + Indian/regional language के होते है इन पेपर्स को पास करने के लिए उम्मीदवार को मात्र 33% अंक लाने होते हैं और इन पेपरों के अंक मेरिट लिस्ट बनने के समय नहीं जोड़े जाते हैं.

  1. इसके बाद उम्मीदवारों को निबंध का पेपर देना होता है इसमें उम्मीदवारों को 3 घंटे में दो निबंध लिखने रहते हैं वह अपनी इच्छा अनुसार निबंध का चयन कर सकते हैं.
  2. निबंध पेपर के बाद जनरल स्टडी के 4 पेपर होते हैं समय का अभाव होने के कारण 1 दिन में दो पेपर लिए जाते हैं.
  3. इसके बाद उम्मीदवारों को optional papers देना होता है इसमें पेपर एक और पेपर दो होते हैं खास बात यह है कि optional papers का चुनाव उम्मीदवार अपनी इच्छा अनुसार कर सकते हैं.
  4. इस तरह UPSC के कुल 9 पेपर होते हैं मेरिट लिस्ट बनते समय लैंग्वेज पेपर को छोड़कर बाकी सभी एग्जाम्स के अंक जोड़े जाते हैं.

3. Interview

इसके बाद बारी आती है इंटरव्यू की UPSC IAS के एग्जाम में इंटरव्यू सबसे कठिन चरण होता है अक्सर उम्मीदवार प्रीलिम्स और मेंस की परीक्षा तो पास कर लेते हैं लेकिन इंटरव्यू में फेल हो जाते हैं इंटरव्यू लेने वाले इंटरब्यूअर भी IAS अधिकारी होते हैं और इस तरह से प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर एक फाइनल रिजल्ट तैयार होता है और इसी रिजल्ट के आधार पर रैंक का निर्धारण होता है.

यूपीएससी में रैंक कैसे तय होता है ? | UPSC me rank kaise Tay hota hai ?

अगर रैंकिंग की बात करें कि यूपीएससी में रैंक कैसे तय होती है तो यह वैकेंसी के ऊपर निर्भर करती है किस साल कितनी वैकेंसी निकली है अर्थात एक ही पोस्ट के लिए अलग-अलग वर्गों के कितने लोगों ने फॉर्म भरा है इसके आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है.

इसके साथ ही आपने Mains का फार्म भरते समय सबसे पहली जिस भी पोस्टिंग IAS, IPS, IFS के लिये फॉर्म भरा होगा . उस आधार पर भी UPSC में Rank का निर्धारण होता है. मेरिट लिस्ट निकलने के बाद सबसे ज्यादा नंबर लाने वाले उमीदवार को उनकी फर्स्ट प्रेफरेंस को ही प्राथमिकता दी जाती है , और उन्हें उनकी चुनी हुई पोस्ट एलॉट कर दी जाती है.

STAR rank

इसके बाद धीरे-धीरे घटते हुए क्रम में पोस्टिंग मिलती है लेकिन दोस्तों इसका मतलब यह नहीं होता है कि अगर 100 पोस्ट की रिक्तियां हैं और उनमें से 30 रिक्तियां आईएएस अफसर की है तो टॉप अंक प्राप्त करने वाले 30 उम्मीदवार आईएएस अफसर बनेंगे. यदि उनकी इच्छा आईएएस अफसर बनना नहीं है.

वह कोई और पोस्ट प्राप्त करना चाहते हैं तो उनके नीचे के अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस की पोस्ट दे दी जाएगी.

FAQ: आईएएस बनने के लिए कितना रैंक चाहिए obc

आईएएस में कितने नंबर से पास होते हैं ?

UPSC प्रीलिम्स में आपको 200 अंकों में से 120 अंक लाने होते हैं इसमें प्रत्येक सही आंसर में आपको 2 अंक मिलते हैं और गलत आंसर पर 0.66 अंक काट लेते है और मेंस की परीक्षा में पास होने के लिए आपको कुल 1750 अंकों में से 950 अंक लाने होते हैं तभी आप प्रिलिम्स और मेंस की परीक्षा में पास होते हैं और आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है.

कलेक्टर बनने के लिए कितना रैंक चाहिए ?

कलेक्टर बनने के लिए न्यूनतम रैंक 100 होना चाहिए कलेक्टर बनने का कोई सीधा प्रोसेस नहीं होता है इसके लिए आपको पहले IAS बनना होगा उसके बाद आपको प्रमोशन के दौरान कलेक्टर की गद्दी मिलेगी.

UPSC की रैंक कैसे तैयार की जाती है ?

यूपीएससी में प्रिलम्स और मेंस के एग्जाम के बाद प्राप्त अंकों के आधार पर उम्मीदवारों की रैंक तैयार की जाती है.

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने जाना कि IAS की परीक्षा UPSC प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू मुख्य तीन चरणों में होती है. UPSC के उम्मीदवारों को इन्हीं परीक्षाओं के आधार पर रैंक प्राप्त होती है. और OBC श्रेणी के उम्मीदवारों को IAS बनने के लिए लगभग 300 अंकों के अंदर रैंक प्राप्त करनी होती है. तभी वह एक IAS अधिकारी के रूप में चयनित किए जाते हैं. उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा धन्यवाद.

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